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फिल्म का नाम: भैयाजी सुपरहिट

डायरेक्टर: नीरज पाठक

स्टार कास्ट: सनी देओल, प्रीति जिंटा, अरशद वारसी, श्रेयस तलपडे, संजय मिश्रा, अमीषा पटेल, जयदीप अहलावत

अवधि: 2 घंटा 19 मिनट

सर्टिफिकेट: U/A

रेटिंग: 1.5 स्टार

लगभग 7 साल पहले सनी देओल की एक फिल्म को बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई जिसमें एक से बढ़कर एक सितारे जैसे प्रीति जिंटा, अरशद वारसी ,श्रेयस तलपडे, संजय मिश्रा इत्यादि ने एक-एक करके भाग लिया लेकिन फिल्म बनते बनते और फाइनल कट के निकलने में 7 साल लग गए. पिछले दिनों सनी देओल की फिल्म ‘यमला पगला दीवाना फिर से’ और ‘मोहल्ला अस्सी’ बुरी तरह से पिट चुकी है और अब उनकी फिल्म ‘भैयाजी सुपरहिट’ क्या उन्हें एक हिट फिल्म दिला पाएगी? आइए जानते हैं नीरज पाठक के डायरेक्शन में ये फिल्म आखिरकार कैसी है.

कहानी

फिल्म की कहानी वाराणसी के रहने वाले दबंग भैयाजी (सनी देओल) की है, जिसे अपनी पत्नी सपना दुबे ( प्रीति जिंटा ) से बेइंतहा मोहब्बत है. लेकिन कुछ ऐसी घटनाएं घटती है जिसकी वजह से सपना घर छोड़कर चली जाती हैं और भैयाजी परेशान हो जाते हैं. पत्नी को घर वापस लाने के लिए वह तरह-तरह के उपाय सोचते हैं, जिसमें फिल्म डायरेक्टर गोल्डी कपूर (अरशद वारसी) फिल्म राइटर तरुण पोर्नो घोष (श्रेयस तलपडे) डॉक्टर ज्ञान प्रकाश बुद्धिसागर (संजय मिश्रा) बिल्डर गुप्ता (पंकज त्रिपाठी) और अभिनेत्री मल्लिका (अमीषा पटेल) की एंट्री होती है. अपनी जिंदगी के ऊपर फिल्म बनाकर भैयाजी अपनी पत्नी सपना की वापसी चाहते हैं. वहीं दूसरी तरफ भैयाजी का दुश्मन हेलीकॉप्टर मिश्रा (जयदीप अहलावत) है. जो कि भैयाजी को बिल्कुल नहीं पसंद है और यह दुश्मनी काफी सालों से चली आ रही है. अब क्या भैयाजी की जिंदगी में सपना की वापसी होती है और हेलीकॉप्टर मिश्रा से उनकी दुश्मनी का अंजाम क्या होता है. यह सब कुछ जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.

कमज़ोर कड़ियां

फिल्म की कहानी बहुत ही कमजोर है. इसी वजह से इतने सारे अच्छे एक्टर्स की मौजूदगी भी काफी फीकी लगती है. कहा जा सकता है कि इस कहानी ने सभी एक्टर्स का अभिनय पूरी तरीके से डूबा दिया है. कोई भी किरदार कभी भी कुछ भी करने के लिए तैयार है और कहानी किसी भी तरीके से निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए बेबस से दिखाई देती है. काफी दिशाहीन कहानी है. हालांकि कहीं-कहीं हंसी भी आती है, लेकिन एक अच्छी फिल्म बनते-बनते रह गई. फिल्म का डायरेक्शन काफी कमजोर है और स्क्रीनप्ले के साथ साथ सिनेमैटोग्राफी भी ढीली है. रिलीज से पहले फिल्म के गाने भी हिट नहीं हो पाए हैं और फिल्मांकन के दौरान वह भी निराश करते हैं. उनका आगाज और अंजाम दोनों फीका है और क्लाइमैक्स तो काफी बोर करता है.

आखिर क्यों देखें फिल्म?

सनी देओल के ताबड़तोड़ एक्शन, अरशद वारसी और श्रेयस तलपडे की कॉमेडी की जुगलबंदी और संजय मिश्रा के कुछ पंच आपका मनोरंजन कर सकते हैं. यदि आप इन सितारों के दीवाने हैं तो एक बार जरूर ट्राई कर सकते हैं. नहीं तो टीवी पर आने तक का इंतजार करें.

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